ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Odisha CM Naveen Patnayak) ने बुधवार (18 मई 2022) को राज्य के गंजम जिले में पुनर्निर्मित माँ तारा तारिणी मंदिर परिसर का उद्घाटन किया और मंदिर में पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने इसके निर्माण में भाग लेने वाले कारीगरों एवं कलाकारों की प्रशंसा की और माँ तारा तारिणी के मंदिर के नए रूप को ‘ओडिशा की कला, वास्तुकला और मूर्तिकला का अनूठा उदाहरण’ बताया।
मुख्यमंत्री ने राज्य में ऋषिकुल नदी के तट पर कुमारी पहाड़ियों पर स्थित सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक माँ तारा तारिणी मंदिर के सौंदर्यीकरण और विकास के लिए 100 करोड़ रुपए मंजूर किए थे। इससे पहले 17 मई को मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र, सचिव वीके पांडियन और अन्य अधिकारियों ने एक सप्ताह के उत्सव “प्रतिष्ठा महोत्सव” से पहले विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए देश के प्राचीन शक्तिपीठों में से एक तारा तारिणी मंदिर का दौरा किया।
प्राचीन पुराणों के अनुसार, माँ तारा तारिणी की उत्पत्ति सीधे सतयुग में दक्ष प्रजापति के जगन से हुई है। बिमला, तारा-तारिणी, दक्षिण कालिका और कामाक्षी के प्रसिद्ध शाक्त पीठों की उत्पत्ति देवी सती की दिव्य लाश के अंगों से हुई थी।
इस दिव्य मंदिर की अपनी यात्रा के बाद ओडिशा के सीएम पटनायक ने ट्वीट किया, “#ओडिशा सरकार के निरंतर प्रयासों और #गंजम के लोगों के अटूट समर्थन के साथ #मातारातारिणी मंदिर आधुनिक समय की उत्कृष्ट कृति बन गया है। नए मंदिर की वास्तुकला पवित्रता की भावना देता है और परंपराओं से दृढ़ता से जुड़ा हुआ है।”
यहाँ यह बताना आवश्यक है कि मंदिर परिसर के डिजाइन में पारंपरिक ओडिया सौंदर्यशास्त्र, मूर्तिकला और कलात्मक परंपराओं को प्रमुखता दी गई है।
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